प्रधानमंत्री ने किया ‘फिट इंडिया’ मुहिम का शुभारंभ, कहा जन आंदोलन बनना चाहिये

प्रधानमंत्री ने किया ‘फिट इंडिया’ मुहिम का शुभारंभ, कहा जन आंदोलन बनना चाहिये

वीरता और फिटनेस को भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को ‘फिट इंडिया आंदोलन’ का शुभारंभ किया लेकिन कहा कि इसे सरकारी नहीं बल्कि जन आंदोलन बनाकर देश के कोने कोने में पहुंचाना होगा। 

महान हाकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन, राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर इंदिरा गांधी स्टेडियम में भारत की सांस्कृतिक विरासत में फिटनेस के महत्व की बानगी पेश करते रंगारंग कार्यक्रम के बीच मोदी ने कहा, ‘आज का दिन युवा खिलाड़ियों को बधाई देने का दिन है जो दुनिया के मंच पर तिरंगे का परचम लहरा रहे हैं लेकिन फिट इंडिया का विस्तार खेलों से आगे तक होना चाहिये।’ 

उन्होंने कहा, ‘युवा खिलाड़ियों को मिलने वाले पदक उनकी तपस्या के परिचायक तो हैं ही, लेकिन यह नये भारत के नये जोश और नये आत्मविश्वास का भी पैमाना है। पिछले पांच साल में खेलों के लिये जो बेहतर माहौल बना है, उसका फायदा अब मिल रहा है।’ 

मोदी ने फिटनेस को भारतीय संस्कृति का हिस्सा बताते हुए कहा, ‘हमारे पूर्वज ‘त’ से तलवार पढ़ते थे और सीमित सोच वाले लोगों के कारण परंपराओं से हम इस तरह अलग हो गए कि लगने लगा कि ‘त’ से तलवार पढाने से बच्चों की मनोवृत्ति हिंसक हो जायेगी। इसलिये ‘त’ से तरबूज हो गया। इससे वीरता, शारीरिक सामर्थ्य और फिटनेस को चोट पहुंची।’ 

उन्होंने कहा, ‘फिटनेस परिवार, समाज और देश की सफलता का मानक होना चाहिये। स्वच्छ भारत आंदोलन की तरह फिट इंडिया आंदोलन का प्रचार प्रसार भी देश के कोने कोने में होना चाहिये। यह एक मंत्रालय का नहीं, देश का आंदोलन बने। देश के हर गांव, पंचायत और स्कूलों तक इसे पहुंचाना होगा।’

मोदी ने बदलती जीवनशैली को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के लिये जिम्मेदार बताते हुए कहा कि मोबाइल एप पर टिकी फिटनेस से काम नहीं चलने वाला। 

उन्होंने कहा, ‘कुछ दशक पहले तक हम पैदल चलने, साइकिलिंग या शारीरिक श्रम से पीछे नहीं हटते थे लेकिन तकनीक ने हमें आलसी बना दिया। बीमारियों की संख्या बढती जा रही है जो चिंता का सबब है और इससे निजात पाने के लिये हमें जीवनशैली बदलनी होगी।’ 

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन बदलावों के लिये समूचे देश को प्रेरित करने का नाम ही ‘फिट इंडिया आंदोलन’ है। उन्होंने दुनिया के अग्रणी देशों में चल रहे फिटनेस अभियान का हवाला देते हुए कहा, ‘चीन ‘हेल्दी चाइना 2030’ के लिये मिशन मोड में काम कर रहा है। आस्ट्रेलिया ने 2030 तक अपने 15 प्रतिशत नागरिकों को व्यायाम में सक्रिय बनाने का लक्ष्य रखा है। ब्रिटेन में 2020 तक पांच लाख नये लोग व्यायाम से जुड़ेंगे जबकि अमेरिका 2021 तक करीब 1000 शहरों को फ्री फिटनेस अभियान से जोड़ेगा।’ 

मोदी ने कहा, ‘दुनिया के सभी देशों में जागरूकता बढी है। भारत में भी कुछ लोगों को नहीं बल्कि देश के हर नागरिक को फिट होना होगा तभी श्रेष्ठ और सशक्त भारत बनेगा।’ 

इससे पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति में फिटनेस के महत्व को पंजाब के गतका, पूर्वोत्तर के थांग टा, केरल के कलारीपायट्टू मार्शल आर्ट के जरिये प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही भरतनाट्यम, भांगड़ा, बीहू, गरबा जैसे नृत्यों के मार्फत कलाओं में फिटनेस की बानगी पेश की गई। वहीं खोखो, स्टापू, गिल्ली डंडा, कंचे, कुश्ती, मलखम्ब, कबड्डी जैसे पारंपरिक खेलों के जरिये बच्चों में फिटनेस के प्रति जागरूकता जगाने के लिये रंगारंग प्रस्तुति दी गई।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और कृषि व किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्राप्त तमाम खिलाड़ी, कोच और फिटनेस को लेकर सजग अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी मौजूद भी इस आयोजन में शामिल हुए।

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